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Sunday, March 31, 2019

बाबा गुरुघासीदास जी का जीवन परिचय


गुरु घासीदास जी की      जीवनी | Biography of Guru Ghasidas Ji in Hindi

महान् सन्त एवं समाजसुधारक बाबा गुरुघासीदास का जीवन छत्तीसगढ़ की धरती के लिए ही नहीं, अपितु समूची मानव-जाति के लिए कल्याण का प्रेरक सन्देश देता है । सतनामी धर्म के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के यह महान् पुरुष एक सिद्धपुरुष होने के साथ-साथ अपनी अलौकिक शक्तियों एवं महामानवीय गुणों के कारण श्रद्धा से पूजे जाते है ।

Thursday, January 11, 2018

Shaheed Udham Singh Biography in Hindi

शहीद उधमसिंह की जीवनी


Shaheed Udham Singh Biography in Hindi 

सरदार उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को एक सिख परिवार में पंजाब राज्य के संगरूर जिले के सुनम गाँव में हुआ था | सरदार उधम सिंह की माँ का उनके जन्म के दो वर्ष बाद 1901 में देहांत हो गया था और पिताजी सरदार तेजपाल सिंह रेलवे में कर्मचारी थे जिनका उधम सिंह के जन्म के 8 साल बाद 1907 में देहांत हो गया था | इस तरह केवल 8 वर्ष की उम्र के उनके सर से माता पिता का साया उठ चूका था |
अब उनके माता पिता की मृत्यु के बाद उनके बड़े भाई मुक्ता सिंह उधम सिंह को अमृतसर के खालसा अनाथालय में दाखिला कराया | शहीद उधम सिंह Udham Singh का बचपन में नाम शेर सिंह था लेकिन अनाथालय में सिख दीक्षा संस्कार देकर उनको उधम सिंह नाम दिया गया | 1918 में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात 1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया |

Thursday, October 26, 2017

छत्रपति साहू महाराज - परिचय in hindi

छत्रपति साहू महाराज  

छत्रपति साहू महाराज
छत्रपति शाहू महाराज

छत्रपति साहू महाराज - जन्म- 26 जुलाई1874; मृत्यु- 10 मई1922मुम्बई) को भारत में सच्चे प्रजातंत्रवादी और समाज सुधारक के रूप में जाना जाता था। वे कोल्हापुर के इतिहास में एक अमूल्य मणि के रूप में आज भी प्रसिद्ध हैं। छत्रपति साहू महाराज ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने राजा होते हुए भी दलित और शोषित वर्ग के कष्ट को समझा और सदा उनसे निकटता बनाए रखी। उन्होंने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की थी। गरीब छात्रों के छात्रावास स्थापित किये और बाहरी छात्रों को शरण प्रदान करने के आदेश दिए। साहू महाराज के शासन के दौरान 'बाल विवाह' पर ईमानदारी से प्रतिबंधित लगाया गया। उन्होंने अंतरजातिय विवाह और विधवा पुनर्विवाह के पक्ष में समर्थन की आवाज़ उठाई थी। इन गतिविधियों के लिए महाराज साहू को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। साहू महाराज ज्योतिबा फुले से प्रभावित थे और लंबे समय तक 'सत्य शोधक समाज', फुले द्वारा गठित संस्था के संरक्षण भी रहे।

Saturday, October 21, 2017

सम्राट अशोक का जीवन परिचय


   सम्राट अशोक का जीवन परिचय
(Samrat Ashok Life History)



सम्राट अशोक प्राचीन भारत में मौर्य राजवंश का चक्रवर्ती राजा था । उसका पूरा नाम अशोक मौर्य था और उसके निडर और दृढ़ता के लिए वह अशोक महान के नाम से पुकारा जाता है। अशोक अपने राजवंश का तीसरा राज करने वाले महान राजा था जिसने लगभग भारत के सभी महाद्वीपों पर राज किया। विश्व के कई देशों में भगवान बुद्ध(Buddha) के विचारों को लोगों तक पहुँचाने और बौद्ध धर्म का जोर शोर से प्रचार करने के कारण उसका नाम पुरे विश्व भर में प्रसिद्द है। अशोक नें बाल्य काल से ही यह निश्चय कर लिया था कि वह अपने साम्राज्य को और भी ज्यादा विस्तृत करेंगे और अंत के समय वह इस कार्य को करने में सफल भी हुआ।

Tuesday, April 25, 2017

समाजसुधारक सावित्रीबाई फुले


समाजसुधारक सावित्रीबाई फुले



पूरा नाम   –   सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले
जन्म        –   3 जनवरी 1831
जन्मस्थान –  नायगांव, महाराष्ट
पिता         –   खंडोजी नावसे पाटिल
माता         –   लक्ष्मीबाई
विवाह       –   ज्योतिराव फुले

समाजसुधारक सावित्रीबाई फुले – Savitribai Phule

सावित्रीबाई फुले का जन्म महाराष्ट्र के नायगांव में 1831 को हुआ था. उनके परिवार में सभी खेती करते थे. 9 साल की आयु में ही उनका विवाह 1840 में 12 साल के ज्योतिराव फुले से हुआ. सावित्रीबाई और ज्योतिराव को दो संताने है. जिसमे से यशवंतराव को उन्होंने दत्तक लिया है जो एक विधवा ब्राह्मण का बेटा था.
सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले भारतीय समाजसुधारक और कवियित्री थी. अपने पति, ज्योतिराव फुले के साथ उन्होंने भारत में महिलाओ के अधिकारो को बढ़ाने में महत्वपूर्ण काम किये है. उन्होंने 1848 में पुणे में देश की पहली महिला स्कूल की स्थापना की. सावित्रीबाई फुले जातिभेद, रंगभेद और लिंगभेद के सख्त विरोध में थी.

Monday, April 24, 2017

संत गुरू रविदास जी का परिचय - Biography of Sant Guru Ravidas Ji in Hindi

संत गुरू रविदास जी का परिचय 

Biography of Sant Guru Ravidas Ji in Hindi

 


भारत की मध्ययुगीन संत परंपरा में रविदास या कहें रैदास जी का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है. संत रैदास जी कबीर के समसामयिक थे. संत कवि रविदास का जन्म वाराणसी के पास एक गाँव में सन 1398 में माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था रविवार के दिन जन्म होने के कारण इनका नाम रविदास रखा गया. रविदास जी को रामानन्द का शिष्य माना जाता है. इस वर्ष 2017 में यह रविदास जयन्ती 10 फरवरी, के दिन मनाई जाएगी

Sunday, April 16, 2017

महात्‍मा गौतम बुद्ध

महात्‍मा गौतम बुद्ध



गौतम बुद्ध
 (जन्म 563 ईसा पूर्व – निर्वाण 483 ईसा पूर्व) विश्व महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरू एवं उच्च कोटी के समाज सुधारक थे। तथागत बुद्ध प्राचीनतम धर्मों में से एक महान बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर मे हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जिनका सात दिन बाद निधन हुआ, उनका पालन महाप्रजापती गौतमी ने किया। सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और पत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश एवं सत्य दिव्य ज्ञान खोज में रात में राजपाठ छोड़कर जंगल चले गए। वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए।

माता रमाबाई आंबेडकर

रमाबाई भीमराव आंबेडकर

रमाबाई आम्बेडकर
जन्म07 फ़रवरी 1898
राजगृह, मुंबई
मृत्युमई 27, 1935 (उम्र 37)
राष्ट्रीयताभारतीय
जातीयतामराठी
प्रसिद्धि कारणभीमराव आम्बेडकर की पत्नी
धार्मिक मान्यताहिन्दूबौद्ध
जीवनसाथीभीमराव आम्बेडकर
बच्चेयशवंत आम्बेडकर
जीवन

रमाबाई का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता भिकु धुत्रे (वलंगकर) व माता रुक्मिणी इनके साथ रमाबाई दाभोल के पास वंणदगांव में नदीकिनारे महारपुरा बस्ती में रहती थी।

Friday, April 14, 2017

एक महान नायक का परिचय- बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर
Dr. Baba Saheb Bhimrao Ambedkar

 20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक, तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ. भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। विधि विशेषज्ञ, अथक परिश्रमी एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी व उदारवादी, परन्तु सुदृण व्यक्ति के रूप में डॉ. आंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. आंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक भी माना जाता है।

छुआ-छूत का प्रभाव जब सारे देश में फैला हुआ था, उसी दौरान 14 अप्रैल, 1891 को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जन्म हुआ था। बचपन से ही बाबा साहेब ने छुआ-छूत की पीङा महसूस की थी। जाति के कारण उन्हें संस्कृत भाषा पढने से वंचित रहना पड़ा था। कहते हैं, जहाँ चाह है वहाँ राह है।

Tuesday, April 11, 2017

महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती

Mahatma Jyotiba Phule – महात्मा ज्योतिबा फुले



पूरा नाम    – महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले
जन्म        – ११ अप्रैल १८२७
जन्मस्थान – पुणे
पिता        – गोविंदराव फुले
माता       –  विमला बाई
विवाह      – सावित्रीबाई फुले

पेशवाई के अस्त के बाद अंग्रेजी हुकूमत की वजह से हुये बदलाव के इ.स. 1840 के बाद दृश्य स्वरूप आया. हिंदू समाज के सामाजिक रूढी, परंपरा के खिलाफ बहोत से सुधारक आवाज उठाने लगे. इन सुधारको ने स्त्री शिक्षण, विधवा विवाह, पुनर्विवाह, संमतीवय, बालविवाह आदी. सामाजिक विषयो पर लोगों को जगाने की कोशिश की. लेकीन उन्नीसवी सदिके ये सुधारक ‘हिंदू परंपरा’ के वर्ग में अपनी भूमिका रखते थे. और समाजसुधारणा की कोशिश करते थे. महात्मा जोतिराव फुले / Mahatma Jyotirao Phule इन्होंने भारत के इस सामाजिक आंदोलन से महराष्ट्र में नई दिशा दी. उन्होंने वर्णसंस्था और जातीसंस्था ये शोषण की व्यवस्था है और जब तक इनका पूरी तरह से ख़त्म नहीं होता तब तक एक समाज की निर्मिती असंभव है ऐसी स्पष्ट भूमिका रखी. ऐसी भूमिका लेनेवाले वो पहले भारतीय थे. जातीव्यवस्था निर्मूलन के कल्पना और आंदोलन के उसी वजह से वो जनक साबीत हुये.

Thursday, April 6, 2017

Dr. B R Ambedkar JI - जीवन परिचय

बी आर अम्बेडकर



भीमराव रामजी आंबेडकर
 ( १४ अप्रैल, १८९१  ६ दिसंबर, १९५६ )बाबा साहेब के नाम से लोकप्रिय , भारतीय विधिवेत्ता ,अर्थशास्त्री ,राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों के खिलाफ सामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया।[1] वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री एवं भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।[2][3][4][5] आंबेडकर विपुल प्रतिभा का छात्र था। उसने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उसने विधि ,अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञानं के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की [6]जीवन के प्रारम्भिक करियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम वकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। 1990 में, भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान मरणोपरांत अम्बेडकर पर सम्मानित किया गया था।