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Tuesday, March 28, 2017

Jai bhim shayari in hindi, हिंदी जय भीम शायरी

हिंदी जय भीम शायरी
Jay Bhim Hindi Shayari on  Dr.Baba Saheb Ambedkar Ji 
 सारा जहां है जिनकी शरण मै 
नमन है उस बाबा के चरण मे
बने उस बाबा के चरणो की धुल 
आओ मिलकर चढाये श्रध्धा के फूल

 निंद अपनी खोकर जगाया हमको
आंसु अपने गिराकर हसाया हमको
कभी मत भुल ना उस महा मानव को 
जमाना कहता है "बाबा साहब" जिनको

 जब पैदा हो बच्चे तो, धरातल भीम का हो !
कसम है मुझे मेरे "भीम" की, 
दिल धड़क जाता तो होगा जब हम दिया जलाते होंगें
एक दिया उस भीम के नाम...

 जब पैदा हो बच्चे तो, धरातल भीम का हो !
कसम है मुझे मेरे "भीम" की, 
दिल धड़क जाता तो होगा जब हम दिया जलाते होंगें
एक दिया उस भीम के नाम...


 देश के लिये जिन्होने विलाश को ठुकराया था।
गीरे हुये को जिन्होंने स्वाभिमान सिखाया था।
जिसने हम सबको तूफानों से टकराना सिखाया था।
देश का वो था अनमोल दिपक जो बाबा साहब कहलाया था।
आज हम उनकी बातो को आज दिल से अपनायेंगे,
चलो आज  हम सब मिलकर आंबेडकर जयंती मनाये।

 नजारों मे नजारा देखा एसा नजारा नही देखा,
आसमान मे जब भी देखा मेरे भीम जैसा सितारा नही देखा।

 कर गुजर गये वो भीम थे,दुनिया को जगाने वाले भीम थे,

हमने तो सिर्फ इतिहास पढा है यारो,

इतिहास बनाने वाले मेरे भीम  थे।


 गरज उठे गगन सारा,समुन्दर छोडें आपना कीनारा,

हिल जाए जहान सारा,जब गूंजे "जय भीम" का नारा।


 सर उंचा उठाकर जिना सिखाया मेरे भीम ने 

जुल्म के खिलाफ संधर्ष करना सिखाया मेरे भीम ने

आज मे बहोत उंचा उठा मुजे उंचा उठाया मेरे भीम ने।


 भीम जैसा सूरज अगर निकला ना होता,

हम दलितों के जिवन मे ये उजाला ना होता,

मर गये होते युही जुल्म सहकर 

अगर हमे भीम जैसा रखवाला मिला ना होता।


 युगों से शापित मानव को बदल दिया वरदानो मे 

हिन दिनो के आंसू तुम्हीं ने बदले है मुसकानो मे


 ना छुरी रखता हुं ना पिस्तौल रखता हुं 
"जय भिम" का बेटा हुं दिल में जिगर रखता हुं.!
इरादों मे तेज़ धार रखता हुं इसलिए 
हमेशा अकेला ही निकलता हु.!!
ये आवाज नही शेर कि दहाड़ है…..
हम खडे हो जाये तो पहाड़ है। जय भिम

 फूलो की कहानी बहारो ने लिखी...

रातो की कहानी सितारों ने लिखी...

हम नहीं है किसी के गुलाम...क्योंकि हमारी जिंदगी,

बाबासाहब जी ने लिखी!!जय भिम 


 देश में क्रांति ऐसी हो

जब आँख बंद हो तो, सहारा भीम का हो !

एक पीढ़ी मिट जाये तो, कोई गम नहीं,

लेकिन मरते वक्त भी हर जुबॉ पर नारा भीम का हो

।। जय भीम।। नमो बुध्दायो


 हम मौत को भी ठोकर मार के भगा देंगे,

मुर्दों को भी जीना सिखा देंगे !

जो बुझी शमा जिंदगी की तो उसे भी जला देंगे !!

जिस दिन हम युवा एक हो गए !

अपने भारत को बाबा के सपनो का भारत बना देंगे


 उजडो की दुनिया वो बसा कर चले गये ।

कितने दर्द दिये जालिमो ने,वो फिर भी मुस्कुराते चले गये ।

अरे कितने खुदगर्ज है हम लोग,जो भूलाकर भीमको 

दिवाली के दिये जलाते चले गये ।।।।जय भीम ।।।।


 याद वो मंजर आता तो होगा, ओर फिर ..

महफिले अँधेरा शर्माता तो होगा,

जो दिन रात हमारे लिए जागता था |


 सौ बार चमन महका.....सौ बार बहार आई .....लेकीन. . .

ग्रुप मे रौनक तब आई,जब "जय भीम" की आवाज आयी....जय भीम


 कोई हस्ती कोई मस्ती कोई चाव पे मरता है..

कोई नफरत कोई मौहब्बत कोई लगाव पे मरता है..

ये गृप है उन दिवानों का यहां हर बन्दा भीमराव पे मरता है.


 गली गली मे  * नीला * लहरा देंगे..

दुश्मनो को कदमो मे झुका देंगे..

*महाशक्ती* बनेंगी ऐसी की ,हर शहर मे" * भीम दरबार * 

और भारत मे *" भीम राज्य "* बना देंगे !!


 हमे डर नहि किसी के "बाप" का 

क्योंकी इस देश का "संविधान" है मेरे "बाप" का


 ना इश्क का शौक है .. ना  मोहब्बत करते है ..

भिमराय के प्रेमी है ..बस सब को जय भिम कहते है !! जय भिम


 लड़ने से डरे वो वीर नहीं होता।

दुश्मन के आगे झुके वो सिर नहीं होता।

ये तो चौरासी लाख जन्मों का पुण्य है।

वरना ऐसे ही '' *बौद्ध धर्म* " मेँ मेरा जन्म नहीं होता


 जिस दिन हमारे दिल में" डॉ.बाबा साहेब आंबेडकर"

और दिमाग मे उनकी विचारधारा होगी,

याद रखना उस दिन अदालत भी हमारी होगी

और फैसला भी हमारा होगा...!


 "जिन्दगी" की खुशी  ना " मौत " का गम...
जब तक है....दम...जय भीम कहेगें हम

 मेरे लीऐ तो गीता, कुरान, बाईबल से भी बडकर है

मेरा भारत का संविधान


 घर घर में बाबासाहेब पहुंचे यही कोशीश है मेरी 

हर जयभिमवाला सुट-बुट मे रहें यहीं चाहत हैं मेरी.

भले ही कोई मुझे जयभिम ना कहे 
हर अपने को जय भीम कहना आदत है मेरी
जयभिम

 ये " शान "ये " शौकत " और ये " ईमान " न होता।

आज कोई इस देश में किसी का " मेहमान " न होता!

नहीँ मिल पाती " खुशियां "हमे इस वतन में।

अगर इस देश का संविधान" बाबा साहेब " ने लिखा न होता।।


 जितना फोन में "सीम" की जरूरत है ।उससे ज्यादा...

हमारे देश को "भीम" की जरूरत है ।.

फोन नहीं चलता है, "सीम" के बीना ।

ये देश नहीं चलता है, बाबा भीम के बीना।.

गर्व से बोलो ""जयभीम"" ।